कलकत्ता हाई कोर्ट में आरजी कर रेप-मर्डर केस को लेकर तीखी बहस छिड़ गई, जहां एक न्यायाधीश ने ममता बनर्जी सरकार की कड़ी आलोचना की। न्यायाधीश ने इस मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ की आशंका जताई और सरकार की कार्यवाही पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने समय की अहमियत को रेखांकित करते हुए चेतावनी दी कि यदि महत्वपूर्ण सबूत खो जाते हैं या उनमें हेरफेर किया जाता है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
यह मामला, जिसने कोलकाता को हिला कर रख दिया है, ने बड़े पैमाने पर ध्यान आकर्षित किया है और कानून व्यवस्था के प्रति जनता के विश्वास पर सवाल खड़े किए हैं। कोर्ट की कार्यवाही से सरकार की पारदर्शिता और तात्कालिकता की कमी को लेकर बढ़ती नाराजगी स्पष्ट रूप से सामने आई। जैसे-जैसे बहस गर्म होती गई, यह स्पष्ट हो गया कि इस मामले का प्रभाव न केवल कानूनी प्रणाली पर बल्कि पश्चिम बंगाल की राजनीतिक स्थिति पर भी पड़ सकता है।
न्यायाधीश के कड़े शब्दों ने त्वरित और निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया। आने वाले दिनों में इस उच्च-स्तरीय मामले में कोर्ट की भूमिका पर सबकी नजरें टिकी रहेंगी।