जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 की प्रक्रिया पूरी तरह से अपने अंतिम चरण में है, जहां तीन चरणों में वोटिंग संपन्न हो चुकी है और अब सभी की नज़रें 4 अक्टूबर को आने वाले नतीजों पर हैं। जम्मू-कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव है जो अनुच्छेद 370 के हटने के बाद हो रहा है, जिसमें राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा गया था। इस चुनाव की खासियत है कि यह भारत के केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में जम्मू-कश्मीर के नए राजनीतिक दौर की शुरुआत है।
हरियाणा में भी चुनावी राजनीति गर्मी पर है, जहां एक चरण में मतदान हुआ और अब सभी की नज़रें नतीजों पर हैं। हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर 1 अक्टूबर को मतदान हुआ।
दोनों राज्यों में मतगणना एक ही दिन, यानी 4 अक्टूबर को होगी, जो राजनीतिक विश्लेषकों और आम जनता के लिए बहुत महत्वपूर्ण होने जा रही है। इस चुनावी प्रक्रिया में, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के मतदाताओं ने जिस प्रकार से बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, वह लोकतंत्र की ताकत और लोगों की भागीदारी का उत्सव है।
महाराष्ट्र और झारखंड के मामले में, अभी तक चुनाव की घोषणा नहीं की गई है, जिससे यह संकेत मिलता है कि ये राज्य अगले चुनावी चक्र के लिए थोड़ा और इंतजार करेंगे। इस सबके बीच, चुनावी परिणामों का इंतजार करते हुए, राजनीतिक दल अपनी रणनीतियाँ तैयार कर रहे हैं और समर्थकों को संगठित करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि आने वाले परिणामों के बाद वे अपनी स्थिति मजबूत कर सकें। यह चुनावी प्रक्रिया न केवल इन राज्यों के भविष्य का निर्धारण करेगी बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी अपना प्रभाव डालेगी।